आखिर प्यार क्या होता है ?
प्यार को शब्दों में बयाँ नहीं किया जा सकता और ना ही इसकी कोई परिभाषा है। इसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है। ये तो एक ऐसा खूबसूरत एहसास है जो दो लोगो को बहुत गहराई से आपस में जोड़ता है। ये एक ऐसा बंधन है जो दो लोगों को रूह की गहराई से बांध देता है। प्यार आसानी से किसी से हो तो सकता है पर आसानी से ख़त्म नहीं हो सकता। प्यार को सिर्फ वो महसूस कर सकता है जो सच में किसी से सच्चा प्यार करता है। प्यार की कोई भाषा नहीं होती है। ये शब्दविहीन होता है। प्यार सिर्फ दिल की आवाज सुनता है। दिल की धड़कनों को महसूस करता है। प्यार एक समर्पण है जिसमे इंसान अपने प्यार के लिए पूरी तरह समर्पित हो जाता है , प्यार एक ऐसा त्याग है जिसमे इंसान प्यार के लिए दुनिया की सारी दौलत को ठुकरा देता है , प्यार एक ऐसी तपस्या है जिसमे इंसान अपनी सारी खुशियां , अपने सारे ऐशो आराम अपने प्यार के लिए कुर्बान कर देता है। प्यार में वो शक्ति हो...