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Showing posts from September 24, 2017

सभी शिक्षामित्रों के नाम गाजी इमाम आला का संदेश

सभी जिला अध्यक्ष/ब्लाक अध्यक्ष , आप सभी को अवगत कराना है कि 25 जुलाई को शिक्षा मित्र का समायोजन सुप्रीम कोर्ट द्वारा निरस्त कर दिया गया है।जिस पर संघ द्वारा 22 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में पुर्नविचार याचिका किया गया है जिसकी सुनवाई दशहरा की छुट्टी के बाद होना है। आप लोगों को न्याय दिलाने को लेकर संगठन द्वारा आन्दोलन जिले से लेकर प्रदेश एंव देश स्तर तक किया गया।जिसमे प्रदेश के शिक्षा मित्रो द्वारा पुरा सहयोग दिया गया ,लेकिन सरकार की मंशा साफ न होने के कारण वार्ता में बनी सहमति पर अब तक कोई ठोस निर्णय नही ले सकी।अभी कल कैबिनेट की बैठक में लिए गये निर्णय में भारांक देने के साथ ही लिखित परीक्षा देने का भी कैविनेट में मंजूरी देना यही दर्शता है।कि आप को शिक्षक बनाने में सरकार का कोई रुचि नही है।जबकि सुप्रीम अपने आर्डर में केबल। योग्यता बढाने,उम्र मे छूट,वेटेज/भारांक,शिक्षक भर्ती मे दो अवसर देना है। कोर्ट के स्पष्ट निर्देश के बाद भी राज्य सरकार द्वारा लिखित परीक्षा को जोड दिया गया इसकी माँग तो किसी भी संगठन द्वारा नही किया गया था।तो फिर ऎसा कदम क्यों उठाया गया।इसे समझने की आवश्यकता है आ...

शिक्षामित्रों को सुझाव – उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ की कलम से

सुप्रभात मित्रों, समस्त प्राणी जगत में मनुष्य ही एक ऐसा जीव है जो स्वयं ही अपने उत्थान और पतन दोनों का कारण आदि काल से रहा है। जिस प्रकार जीवन देने वाले वृक्ष को हम काट देते हैं, ठीक उसी प्रकार शिखर तक पहुँचाने वाले संगठन को तोड़ने का हर सम्भव प्रयास करते हैं। परन्तु वृक्ष तो वृक्ष ही ठहरा, जब तक खड़ा है कुछ न कुछ तो जरुर ही देगा। बच्चे माँ-बाप का जितना भी तिरस्कार कर लें, लेकिन माँ-बाप जब भी सोचेंगे या कुछ करेंगे, बच्चे की भलाई के लिए ही करेंगे। अब बच्चे उसको समझें या न समझें, सम्मान दें या डाँट डपटकर प्रताड़ित करें। ठीक उसी प्रकार यह संगठन हम सब की माँ है पिता है अभिभावक है। संगठन जब भी कुछ कदम उठाता है, हमारे हित के लिए ही उठाता है। किन्तु हमारे साथी अपने उसी संगठन को हर कदम पर कटघरे में खड़ा करने का प्रयास करते हैं, संगठन के किसी भी निर्णय को गलत ठहराने के लिए रात दिन कोई न कोई बिन्दु ढूँढ़ते रहते हैं, चाहे वह कदम हमारे लिए कितना भी फायदेमन्द क्यों न हो। विरोधियों की चालों में फँसकर संगठन विरोधी बातें करने लगते हैं। आज सरकार से लेकर समाज तक और विरोधी से लेकर सहकर्मी तक हर कोई आ...