कैसे जानूं कि मैं आध्यात्मिक हूं?
आध्यात्मिकता अनादिकाल से भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रही है। लेकिन समय के साथ इस शब्द का गलत इस्तेमाल बढ़ता चला गया। " इन कुछ लक्षणों से आप समझ जाएंगे कि आध्यात्मिकता आखिर है क्या और एक आध्यात्मिक इंसान कैसा होता है? " आजकल दुनिया में अधिकतर लोगों को, विशेषकर युवावर्ग को, आध्यात्मिकता के नाम से एक तरह की एलर्जी हो गई है। इसका कारण यह है कि आध्यात्मिकता को दरअसल बेहद भद्दे तरीके से पेश किया जा रहा है। आजकल लोग आध्यात्मिकता का मतलब निकालते हैं कि स्वयं को यातना देना और अभावग्रस्त जीवन बिताना। इसको लोग भूखे रहने और सड़क के किनारे बैठ कर भीख मांगने से जोड़ने लगे हैं, और सबसे खास बात यह कि आध्यात्मिकता को जीवन-विरोधी या जीवन से पलायन समझा जाता है। आम तौर पर लोग यह मानते हैं कि आध्यात्मिक लोगों को जीवन का आनन्द लेना वर्जित है और हर तरीके से कष्ट झेलना जरूरी है। जबकि सच्चाई यह है कि आध्यात्मिक होने का आपके बाहरी जीवन से कोई लेना-देना नहीं है। एक बार किसी ने मुझसे पूछा - ’एक आध्यात्मिक और सांसारी मनुष्य में क्या अंतर है?’ मेरा सहज जबाब था - एक सांसारी मनुष्य केवल अपना भोजन कम...