Posts

आखिर शिव कैसे है ?

 एक बार एक शिव-भक्त अपने गांव से केदारनाथ धाम की यात्रा पर निकला। पहले यातायात की सुविधाएँ तो थी नहीं, वह पैदल ही निकल पड़ा। रास्ते में जो भी मिलता केदारनाथ का मार्ग पूछ लेता। मन में भगवान शिव का ध्यान करता रहता। चलते चलते उसको महीनो बीत गए। आखिरकार एक दिन वह केदारनाथ धाम पहुंच ही गया। केदारनाथ में मंदिर के द्वार 6 महीने खुलते है और 6 महीने बंद रहते है। वह उस समय पर पहुचां जब मन्दिर के द्वार बंद हो रहे थे। पंडित जी को उसने बताया वह बहुत दूर से महीनो की यात्रा करके आया है। पंडित जी से प्रार्थना की – कृपा कर के दरवाजे खोलकर प्रभु के दर्शन करवा दीजिये । लेकिन वहां का तो नियम है एक बार बंद तो बंद। नियम तो नियम होता है। वह बहुत रोया। बार-बार भगवन शिव को याद किया कि प्रभु बस एक बार दर्शन करा दो। वह प्रार्थना कर रहा था सभी से, लेकिन किसी ने भी नही सुनी। पंडित जी बोले अब यहाँ 6 महीने बाद आना, 6 महीने बाद यहां के दरवाजे खुलेंगे। यहाँ 6 महीने बर्फ और ढंड पड़ती है। और सभी जन वहां से चले गये। वह वही पर रोता रहा। रोते-रोते रात होने लगी चारो तरफ अँधेरा हो गया। लेकिन उसे विश्वास था अपने शिव पर कि...

Help us and support us for the treatment of needy person

 Dr. Archika Foundation (DAF) was established in 2013 with the objective of empowering society. The NGO has been rigorously working in the areas of health, environment and upliftment of underprivileged people. Our organisation provides free healthcare to the downtrodden masses. Implementing its mission of eradicating general blindness and vision impairments, DAF in collaboration with various hospitals has been providing free eye treatment to people belonging to the weaker section of the society. Under its project, "Gift a Vision", DAF has successfully operated more than 200 people for cataract and squint eye issues, whereas over 300 people have undergone cornea transplant and Lasik operation. Also, the organisation has been raising awareness about cataract and general blindness among people through its various eye camps and other channels. Thousands of people have benefited from our various initiatives.  We appeal you to help us achieve our aim of vision loss and blindness pr...

देवशयनी एकादशी से चातुर्मास प्रारंभ

  आप सभी धर्म प्रेमियों को सादर प्रणाम आप सभी को अवगत कराना चाहूंगा  कि दिनांक 10 जुलाई 2022 दिन रविवार को देव शयनी एकादशी का उपवास रखा जाएगा। देवशयनी एकादशी से ही चातुर्मास प्रारंभ। देव शयनी एकादशी पर रवि योग भी बन रहा है।  हिंदू धर्म में चातुरमास का विशेष महत्व है आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु चार महीने की योग निद्रा में चले जाते हैं। 4 माह तक प्रकृति का संचालन भगवान भोलेनाथ करते हैं। चातुर्मास में सभी प्रकार के मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं। और कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की देवप्रबोधनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु जागते हैं। और सभी मांगलिक कार्य पुनः प्रारम्भ हो जाते है। देवशयनी एकादशी को तुलसी पौध रोपण भी किया जाता है। ( इस बार रविवार को एकादशी होने के कारण कई लोगों की मन में भ्रम की स्थिति है कि तुलसी रोपण होगा कि नहीं रविवार को तुलसी रोपण किया जाएगा। रविवार को केवल तुलसी के पत्ते तोड़ना व जल अर्पित करना वर्जित होता है धार्मिक मान्यतानुसार रविवार के दिन माता तुलसी भगवान विष्णु के लिए निर्जला उपवास रखती हैं। तुलसी में जल चढ़ाने से माता तुल...

जुलाई 2022 मासिक राशिफल

 आप सभी सनातन धर्म प्रेमियों को सुप्रभात सादर प्रणाम आप सभी को जुलाई माह की मासिक राशिफल से अवगत करा रहे हैं जैसे की आपको विदित होगा गुप्त नवरात्रि चल रहे हैं आप सभी को गुप्त नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं। गुप्त नवरात्रि में देवी दुर्गा की विशेष पूजा अर्चना करें एवं सात्विक भोजन ग्रहण करें। मांसाहारी भोजन एवं मदिरापान से बचें। आइए जानते हैं जुलाई माह में सभी राशियों के सितारे क्या कहते हैं।जुलाई मासारंभ में पूर्व दक्षिण पश्चिम के क्षेत्रों में अतिवृष्टि का योग है। मध्य उत्तर भारत में भीषण वर्षा तथा कुछ क्षेत्रों में अल्प वर्षा होगी । मेष राशि– मेष राशि के जातकों के लिए जुलाई माह शुभ फल कारक रहेगा। मानसिक प्रसन्नता रहेगी। उच्च व्यापारियों से व्यवसायिक लाभ होगा। आकस्मिक धन लाभ होने की संभावना। पारिवारिक जीवन सौहार्दपूर्ण रहेगा। परिवार में मंगल कार्य संपन्न हो सकते हैं। संतान पक्ष से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। स्वास्थ्य उत्तम रहेगा। व्यवसायिक यात्राएं सफल रहेंगी। लाभ हेतु विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। मंगलवार को हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करें। वृषभ राशि –वृषभ राशि के जातकों के लिए म...

पितृ दोष और समाधान

 जन्म कुंडली के त्रिकोण भावों में से किसी एक भाव पर पितृ कारक ग्रह सूर्य की राहु अथवा शनि के साथ युति हो तो जातक को पितृ दोष होता है। राहु और शनि कुंडली के किसी भाव में विराजमान हो तो पितृ दोष होता है। लग्न तथा चन्द्र कुंडली में नवां भाव या नवमेश अगर राहु या केतु से ग्रसित हो तो। जन्म कुंडली में लग्नेश यदि त्रिक भाव (6,8 या 12) में स्थित हो तथा राहु लग्न भाव में हो तब भी पितृदोष होता है। अष्टमेश का लग्नेश, पंचमेश अथवा नवमेश के साथ स्थान परिवर्तन योग भी पितृ दोष का निर्माण करता है। दशम भाव को भी पिता का घर माना गया है अतः दशमेश छठे, आठवें या बारहवें भाव में हो इसका राहु से दृष्टि या योग आदि का संबंध हो तो भी पितृदोष होता है। यदि आठवें या बारहवें भाव में गुरु-राहु का योग और पंचम भाव में सूर्य-शनि या मंगल आदि कू्र ग्रहों की स्थिति हो तो पितृ दोष के कारण संतान कष्ट या संतान सुख में कमी रहती है। अगर कुंडली में पितृ कारक ग्रह सूर्य अथवा रक्त कारक ग्रह मंगल इन दोनों में से कोई भी नवम भाव में नीच का होकर बैठा हो और उस पर राहु/केतु की दृष्टि हो तो पितृ दोष का निर्माण हो जाता है। यदि कुंडली ...

दिल के दौरे के दिखाई देने वाले ये 10 लक्षण हैं खतरनाक

  बहुत ज्यादा नर्वस या एक्साइटेड होने पर इंसान की हार्ट बीट का कम-ज्यादा होना सामान्य सी बात है लेकिन अगर आपकी हार्ट बीट कुछ सेकेंड से ज्यादा देर के लिए अनियंत्रित हो रही है तो ये बड़ी दिक्कत खड़ी कर सकता है.   इस स्थिति में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.   जबड़े, दांत या सिर में दर्द - हार्ट अटैक से पहले कई रोगियों ने हाथ, जबड़े, दांत या सिर में दर्द की शिकायत की है. अगर आपको भी इस तरह की समस्या हो रही है तो  जल्द से जल्द जांच करा लें.   कंधों में दर्द - हाथ के अलावा अगर लगातार आपके कंधों में या कमर में दर्द होता है तो सावधान हो जाएं. हार्ट अटैक आने से पहले कई रोगियों में यह लक्षण दिखाई देते हैं.  लगातार खांसी - लगातार होने वाली खांसी को हार्ट अटैक या दिल से जुड़ी बीमारियों से जोड़ना सही नहीं है . लेकिन अगर आप किसी हार्ट डिसीज से जूझ रहे हैं तो लगातार होने वाली खांसी पर ध्यान देने की जरूरत है.  एक्सपर्ट कहते हैं कि खांसते वक्त अगर सफेद या गुलाबी रंग का बलगम निकल रहा है तो ये हार्ट फेलियर का संकेत हो सकता है.  सीने में जलन - अगर आपके ...

वो जनेऊ

Image
  पिछले दिनों मैं हनुमान जी के मंदिर में गया था जहाँ पर मैंने एक ब्राह्मण को देखा, जो एक जनेऊ हनुमान जी के लिए ले आये थे | संयोग से मैं उनके ठीक पीछे लाइन में खड़ा था, मैंने सुना वो पुजारी से कह रहे थे कि वह स्वयं का काता (बनाया) हुआ जनेऊ हनुमान जी को पहनाना चाहते हैं, पुजारी ने जनेऊ तो ले लिया पर पहनाया नहीं | जब ब्राह्मण ने पुन: आग्रह किया तो पुजारी बोले यह तो हनुमान जी का श्रृंगार है इसके लिए बड़े पुजारी (महन्थ) जी से अनुमति लेनी होगी, आप थोड़ी देर प्रतीक्षा करें वो आते ही होगें | मैं उन लोगों की बातें ध्यान से सुन रहा था, जिज्ञासा वश मैं भी महन्थ जी के आगमन की प्रतीक्षा करने लगा। . थोड़ी देर बाद जब महन्थ जी आए तो पुजारी ने उस ब्राह्मण के आग्रह के बारे में बताया तो महन्थ जी ने ब्राह्मण की ओर देख कर कहा कि देखिए हनुमान जी ने जनेऊ तो पहले से ही पहना हुआ है और यह फूलमाला तो है नहीं कि एक साथ कई पहना दी जाए | आप चाहें तो यह जनेऊ हनुमान जी को चढ़ाकर प्रसाद रूप में ले लीजिए | . इस पर उस ब्राह्मण ने बड़ी ही विनम्रता से कहा कि मैं देख रहा हूँ कि भगवान ने पहले से ही जनेऊ धारण कर रखा है प...